Sapne Kuch Mere Bhi Hai..

सपने  कुछ  मेरे  भी  है ,
बहुत  बड़े  ना  सही 
पर  सपने  मेरे  भी  है ..
कॉलेज  की  भीड़  में  कही  हम  खो  गए  थे
मंजिल  भूल  गए  हम
रस्ते  भटक  गए  थे
जो  दिखता  वही  मानते  चले  गए ,
दिन  के  उजाले  में  अंधे  हो  गए  थे
अति आत्मविश्वास जो  भर  गया  हम  में
करना  था  क्या  और  क्या  कर  रहे  थे
मोम   डैड   ने  हमेशा  कहा  घमंड  न  करना
घमंड  तोह  रावण  का  ना  रहा  फिर  हम  क्या  कम  थे
जो  झटका  दिया  वक़्त  ने ,-
जो  झटका  दिया  वक़्त  ने ..
पंख   ही  काट  दिए  मेरे
दोस्तों  की  तोह  बात  ही  छोड़िये
खुद  हम  भी  हिल  गए  थे
सच  है  ये  : राह   किसी  की  दी  हुई  नहीं  होती
राह  तोह  चुनी   जाती  है ,
मानिये  मेरी  बात  इस  बार  हम  नहीं  डगमगायेंगे
जो  राह  चुनी  है  उसी   पे  चलते  जायेंगे
आशा  है  यही , मेरा  पूर्ण  विश्वास  है
जो  दोस्त  मुझे  मिले  है  मेरा  पूरा  साथ  निभाएंगे
वक़्त  की  राह  पर  हम  चल  चुके  है , क्योंकि-
सपने  कुछ  मेरे  भी  है ...